Sunday 11 September 2011

कसूता असर पड़ेगा हारनीये की राजनीती पै ,,,,,,,,पसीना आवेगा हिसार का किला भेदते टाइम


न्यू मैं तो प्रदेश के चुनावां में आये बार जी से आवे स, पर इबके हिसार लोकसभा के जो समीकरण बणरे स उन नै देख के वोटां में खड़े होवनिया के साथ साथ गाम राम की बी साँस रुक री स, राजनीती पै करडी निगाह राखनियां की मान के चाला तो इन चुनावां में इलेक्सन हारनिये की राजनीती पै कसूता असर पड़ेगा, अपनी भासा में कहवां तो खाट सी खड़ी हो जावेगी,हिसार का किला भेदते टाइम कई जगह त पसीने आवेंगे,,कुछ बी हो हिसार लोकसभा का मुकाबल कती रोचक होगया स, खेल में जिस प्रकार इनेलो के अजय चौटाला न सबते पहलया अपने नाम की घोषणा करी उसते और घने मजे आवन के आसार होगे स, उधर हजकां त कुलदीप न बी भाजपा गेल्या हाथ मिलाके अपने टैक्टर की स्पीड बधावन का फार्मूला काढ लिया स,, इब तो बस सारा राम रोल्ला कांग्रेश की और त घोषित उम्मीदवार पै इ टिक रह्य स, लोग खूब एड़ी ठाँ ठाँ बाट देखन लाग रे स कद कांग्रेस अपने उम्मीदवार की घोषणा करे आर कद मुकाबले समीकरण की जानकारी मिले,,सब्त प्रदेश की आज निगाह हिसार सीट पर आके टिकगी स , भाइयो टिकनी भी जायज़ स,, वर्तमान राजनीतिक हालात न देखां तो या सीट भविस्य की राजनैतिक उथल पुथल में खूब अहम् भूमिका निभावेगी, गाम राम के याद हो इस्सा इ रोचक मुकाबला एक ब भ्यानी में ब बना था, जद तीनूं लाला के छोरे मैदान में उतरे थे,,खैर उस टाइम में आर वर्तमान के टाइम में कसूता फर्क आगया स,,अगर गाम राम की मान के चाला तो यो चुनाव के बाद जीत्निये का प्रदेश की राजनीती में कद बढ़ेगा,,आर जो हारेगा उसके ओल्ले लगने शुरू होज्यांगे, आर ये ओल्ले आगली विधानसभा तक उसके गेल्या रहवन की पूरी पूरी सम्भावना स, अपने लाणिहार पेपर का पंडित कोए भविस्य वक्ता तो कोन्य फेर ब गाम राम न इशारे इशारे में इतना जरुर कह सके स अक जनता के गेल धोखे की भावना लेके राजनीती करनिये की इबके खूब माट्टी पलित होणी स. जिसके पीछे सीधा सा तर्क यो बी दिया जा सके स अक अन्ना न पूरे देश में आम आदमी त जगावन की जो मुहीम छेड़ी थी उसका असर इन चुनावां में दीख सके स, अन्ना के मुदे के अनुसार जनता न इन वोटां में जो माणस नकली सा दीखेगा, उसते वोट नही मिलेंगे, वो चाहे किसे बी पार्टी का हो,,,,किसी सयाने माणस की कही होई बात स अक जद दो शेर लड्या करे तो कुते फायदे ठाया करे, लेकिन कुत्या न जद न्यू लागे अक शेर दो नही तीन स तो वे पूंछ न टंगा तले दबाके पतली गली त लिकड लिया करे,,या फेर मोके की बाट में बैठ जाया करे,, खैर घनी सी राजनैतिक घोषणा कर्ण का अपना मूड भी कोन्या पर सौ बातां का टोटल इतना जरुर कह्य जा सके स अक जो माणस जमीनी तौर और आम आदमी के साथ जुड़ा होया होगया, हिसार का किला वो हे भेदेगा.......

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